नवरात्रि माँ दुर्गा की अराधना करने का उत्सव होता है। वैसे तो नवरात्रि पाँच बार आती हैं। हालाँकि इनमें चैत्र और शरद में आने वाली नवरात्रि को ही प्रमुख रूप से मनाया जाता है। वहीं शेष तीन नवरात्रियों को गुप्त नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। इनमें माघ गुप्त नवरात्रि, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि और पौष नवरात्रि शामिल हैं। इन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्य रूप से मनाया जाता है। लगभग हर हिंदू धर्म में नवरात्रि को बहुत श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है। इस दौरान लोग व्रत रखकर माँ की पूजा करते हैं। यदि नवरात्रि की पूजा विधि विधान से की जाए तो माँ की अपने भक्त पर असीम कृपा होती है। इस पावन अवसर पर माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और पूरे नौ दिनों तक व्रत रखा जाता है। माता के नौ रूपों की वजह से ही यह पर्व नौ दिनों तक मनाया जाता है।
वेद-पुराणों में माँ दुर्गा को शक्ति का रूप माना गया है जो असुरों का संसार करती हैं। कहते हैं कि नवरात्र के समय हर किसी के घर में सकारात्मकता रहती है। नवरात्र के समय माँ के भक्त उनसे अपने सुखी जीवन और समृद्धि की कामना करते हैं। इस दौरान उत्तर से लेकर दक्षिण तक हर जगह माता के नाम के कीर्तन भजन और जगराते भण्डारे होते हैं। इतना ही नहीं गाँवों के साथ ही शहरों में मेलों और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि नवरात्रि का त्यौहार कई देशों में मनाया जाता है।
क्र. सं. | दिनांक | माता के नौ रूप | तिथि |
1. | 25 मार्च, 2020 | माँ शैलपुत्री | प्रतिपदा |
2. | 26 मार्च, 2020 | माँ ब्रह्मचारिणी | द्वितीया |
3. | 27 मार्च, 2020 | माँ चंद्रघण्टा | तृतीया |
4. | 28 मार्च, 2020 | माँ कूष्माण्डा | चतुर्थी |
5. | 29 मार्च, 2020 | माँ स्कंदमाता | पंचमी |
6. | 30 मार्च, 2020 | माँ कात्यायिनी | षष्ठी |
7. | 31 मार्च, 2020 | माँ कालरात्रि | सप्तमी |
8. | 1 अप्रैल, 2020 | माँ महागौरी | अष्टमी |
9. | 2 अप्रैल, 2020 | माँ सिद्धिदात्री | नवमी |
10. | 3 अप्रैल, 2020 | नवरात्रि पारणा | दशमी |
दिनांक | घटस्थापना मुहूर्त | अवधि |
25 मार्च, 2020 (बुधवार) | 06:18:56 से 07:17:12 तक | 58 मिनट |
नोट : दिया गया घटस्थापना मुहूर्त का समय नई दिल्ली, भारत के लिए है।
क्र. सं. | दिनांक | माता के नौ रूप | तिथि |
1. | 17 अक्टूबर, 2020 | माँ शैलपुत्री | प्रतिपदा |
2. | 18 अक्टूबर, 2020 | माँ ब्रह्मचारिणी | द्वितीया |
3. | 19 अक्टूबर, 2020 | माँ चंद्रघण्टा | तृतीया |
4. | 20 अक्टूबर, 2020 | माँ कूष्माण्डा | चतुर्थी |
5. | 21 अक्टूबर, 2020 | माँ स्कंदमाता | पंचमी |
6. | 22 अक्टूबर, 2020 | माँ कात्यायिनी | षष्ठी |
7. | 23 अक्टूबर, 2020 | माँ कालरात्रि | सप्तमी |
8. | 24 अक्टूबर, 2020 | माँ महागौरी | अष्टमी |
9. | 25 अक्टूबर, 2020 | माँ सिद्धिदात्री | नवमी |
10. | 26 अक्टूबर, 2020 | पारणा एवं दुर्गा विसर्जन | दशमी |
दिनांक | घटस्थापना मुहूर्त | अवधि |
17 अक्टूबर, 2020 (शनिवार) | 06:23:24 से 10:11:57 तक | 3 घंटे 48 मिनट |
नोट : दिया गया घटस्थापना मुहूर्त का समय नई दिल्ली, भारत के लिए है।
देश के किसी भी हिस्से में चाहे कोई भी त्यौहार मनाया जा रहा हो हर किसी का अपना विशेष महत्व होता है। नवरात्रि शब्द दो शब्दों से बना है। जिसमें पहला है नव और दूसरा है रात्रि अर्थात् नौ रातें। इससे स्पष्ट होता है कि नवरात्र का त्यौहार नौ दिनों तक मनाया जाता है। उत्तर भारत के साथ ही इसे पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों में भी मनाया जाता है। इस अवसर पर माँ के भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए नौ दिनों का उपवास रखते हैं। पूजा और व्रत विधि विधान से की जाए तो माता की असीम कृपा होती है। नवरात्र के समय मीट, अण्डा, मदिरा और अन्य तापसी भोजन जैसे प्याज और लहसुन से परहेज करना चाहिए।
नौ दिनों के बाद दसवें दिन विजयदशमी होती है। जिसे दशहरा भी कहते हैं। इसी दिन भगवान श्री राम ने लंका नरेश रावण का वध किया था। इस त्यौहार के ठीक बाइसवें दिन बाद दीपावली आती है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है। नवरात्र के नौवें दिन कन्या पूजन किया जाता है। इस दिन नौ कन्याओं को पूड़ी, हलुआ, चने की सब्जी खिलाया जाता है और दक्षिणा दी जाती हैं। इस दिन कन्याओं को भोजन करना और उनकी सेवा करने से का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नवरात्र के समय नौ दिनों तक व्रत रखने वाले लोगों की हर मनोकामना पूरी होती है। ये नौ दिन माँ दुर्गा के अलग अलग नौ रूपों को समर्पित होते हैं। जिसमें पहला दिन माँ शैलपुत्री का होता है, दूसरा दिन माँ माँ ब्रह्मचारिणी का होता है, तीसरा दिन माँ चंद्रघण्टा का होता है, चौथा दिन माँ कूष्मांडा का होता है, पाँचवा दिन माँ स्कंदमाता का होता है, छठा दिन माँ कात्यायिनी का होता है, सांतवां दिन माँ कालरात्रि का होता है, आठवां दिन माँ महागौरी का होता है और नौवाँ व अंतिम दिन माँ सिद्धिदात्री का होता है। इस दिन माता को लौंग का जोड़ा और मंदिर में गोबर का उपला रखकर उसकी विधि विधान से पूजा की जाती है और फिर व्रत धारण किया जाता है। नवरात्रि के समय महिलाओं को लाल साड़ी, लाल चूड़ी, लाल बिंदी और लाल लिपस्टिक समेत पूरे सोलह श्रृगांर करने की परंपरा है। ऐसा करने से माता बहुत प्रसन्न होती है और अपने दर्शन देती हैं।
नवरात्रि में पूजा के लिए पूजन सामग्री का होना आवश्यक होता है। यदि आप चाहते हैं कि माता आपसे खुश हों या आपको दर्शन दें तो हमारे द्वारा बताई गई सामग्री को पूजा में जरूर रखें। इसके लिए माँ दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति, लाल कपड़ा, माता के लिए लाल चुन्नी, साफ बर्तन में गंगा जल, माता का सोलह श्रृंगार, आम की पत्तियां, लौंग का जोड़ा, उपले, जौं के बीज, चंदन, नारियल, कपूर, गुलाल, पान के पत्ते, सुपारी और इलायची आदि सामग्री को पूजा स्थान पर रखें।
हम उम्मीद करते हैं कि नवरात्रि से संबंधित हमारा ये लेख आपको पसंद आया होगा। हमारी ओर से आप सभी को नवरात्रि की ढेर सारी शुभकामनाएं !
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